Saathi Rey

आर्को

साथी रे थोड़ा ठहर जा अभी रास्ते कुछ बदल से जाएँगे ओ साथी रे थोड़ा ठहर जा यह पाँव भी अब संभल से जाएँगे फिर वोही बरसात होगी और अश्क़ सारे धूल से जाएँगे रोशनी दिन रात होगी और सब झरोखे खुल से जाएँगे यारा तू ही तो बंदगी है यारा तू ही दुआ यारा कैसी ये बेरूख़ी है क्यूँ जुदा तू हुआ कहना था और क्या क्या मुझे नींद क्यूँ आ गयी फिर तुझे ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना हम्म हम्म साथी रे तोड़ा सा ठहर जा अभी मौसमों का बदलना बाकी है ओ साथी रे तोड़ा ठहर जा कुछ डोर साथ चलना बाकी है फिर उन्ही रास्तों पे तेरे मेरे कदमों का मिलना बाकी है दर्द में रंजिशों में संग बुझना और जलना बाकी है ओ ओ ओ यारा तू ही तो बंदगी है यारा तू ही दुआ यारा कैसी ये बेरूख़ी है क्यूँ जुदा तू हुआ (ओ ओ ओ) यारा तू ही तो बंदगी है यारा तू ही दुआ (ओ ओ ओ) यारा कैसी ये बेरूख़ी है क्यूँ जुदा तू हुआ (ओ ओ ओ) हां तेरे और मेरी दरमियाँ अब भी बाकी है इक दास्तान

Written by: ARKO, MANOJ MUNTASHIRLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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