Akhbaar

आर्को

अख़बार मेरे दिल का एक बार ज़रा पढ़ दे तारीख़ कोई भी हो, तू ख़बर तेरी भर दे हाँ, अख़बार मेरे दिल का एक बार ज़रा पढ़ दे तारीख़ कोई भी हो, तू ख़बर तेरी भर दे हो शाम तेरी आँखें और सुबह तेरा चेहरा तो रुसवाई हम सारी एक पल में फ़ना कर दें, ओ फ़िज़ा भी तू, दुआ भी तू मेरी गलियों से तेरी गलियों तक रास्ता भी तू फ़िज़ा भी तू, दुआ भी तू मेरी गलियों से तेरी गलियों तक रास्ता भी तू मैं तेरे शहर का राही, तुझ बिन हर पल आवारा तू साथ चले तो मंज़िल, तू ना हो तो बंजारा हा ढूंढ़ता फिरा मै ढूंढ़ता फिरा जो नैन दो तेरे पढ़ ले ज़रा माही, हश्र मेरा अल्फ़ाज़ों में तेरे हो शाम तेरी आँखें और सुबह तेरा चेहरा तो रुसवाई हम सारी ता उम्र धुआँ कर दें, ओ फ़िज़ा भी तू, दुआ भी तू मेरी गलियों से तेरी गलियों तक रास्ता भी तू फ़िज़ा भी तू, दुआ भी तू मेरी गलियों से तेरी गलियों तक रास्ता भी तू आ आ आ आ आ आ सुन माहिया, हरजाइया, तू आ, ले जा सुन माहिया, तनहाइयाँ मिटा दे, आ सुन माहिया, हरजाइया, तू आ, ले जा सुन माहिया, तनहाइयाँ मिटा दे, आ हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म (आ आ आ)

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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