Atak Gaya
Arijit Singh, रुपाली मोघे
जब चलते चलते राह मुड़े
जब जुगनू मुठी खोल उड़े
जब नैन ये तोड़े रूल सभी
और खुल के करले भूल सभी
भूल सभी, भूल सभी
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
कभी झील है तू और
कभी यादों की नाव है
तू ही दिल का किनारा मेरा
कभी धुप है तू और
कभी तारो की छाओं है
सारा ही है सहारा मेरा
जब बाकी दुनिया धुंधली लगे
जब रात भी उजली उजली लगे
जब दिल को दुआ मालुम पड़े
हर धड़कन जट से बूम करे
बूम करे, बूम करे
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
आये
अटका जावे अटका जावे
सिलसिला प्रेम का
आ हाथ पे राखे
बुलबुला प्रेम का
अटका जावे अटका जावे
सिलसिला प्रेम का
आ हाथ पे राखे
बुलबुला प्रेम का
Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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