Shehar Ki Galiyon Mein Charcha Hai Aam

अनुराधा पौडवाल, एस. पी. बालसुब्रह्मण्यम, एस पी बालासुब्रमन्यम, एस पी बालसुब्रमण्यम

शहर की गलियों में चर्चा है आम साथी नया ढूंढा तूने आज सवेरे अख़बार में लिखी ये कहानी सारी तू किसी की बाहों में थी कल से नींदें चुरा के हमारी शहर की गलियों में चर्चा है आम साथी मिला मुझ को मेरा अख़बार में क्या नहीं ये पढा कल की हसीन रात सारी तुम रात भर मेरी बाहों में थे ना बाहों में मैं थी तुम्हारी Mister निहाल यूँ मत निकल बोलो पिया रोए जिया बोलो बोलो पिया रोए जिया रोको ये बरसाते रोने की ये बातें मैने शरारत ये की थी कर दो मुझे माफ़ तुम जानेजा कसम है तुम्हें तो मेरे प्यार की पहले रुलाते हो फिर तो मनाते हो ये क्या सज़ा है तुम्हारी अगर प्यार है तो सताते हो क्यूँ सनम ये तुम्हारी आदत है बुरी You are my life कल होगी wife चुप ना रहो कुछ तो कहो देखो चुप ना रहो कुछ तो कहो मुझ को लगी प्यारी ये बात तुम्हारी तो शादी का कब है इरादा जब तुम कहोगी बनुगा मैं दूल्हा ये वादा मेरा आज तुमसे रहा हो जाएँगे सपने सच सारे अपने जिस दिन चढूँगी मैं डोली इतना तुम्हें प्यार मैं तो करूँगा के भूलूंगी बाबुल की तुम तो गली शहर की गलियों में चर्चे होंगे आम पागल हो सारा ज़माना पूछो अगर बात कुछ भी इस दिल की इस जहा ने बनाया फसाना सच्ची मोहब्बत हमारी है ये(सच्ची मोहब्बत हमारी है ये) दुनिया ने तो आख़िर ये माना(दुनिया ने तो आख़िर ये माना) दुनिया ने तो आख़िर ये माना(दुनिया ने तो आख़िर ये माना)

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