Bhari Mehfilon Mein
Anuradha Paudwal
कुछ लोग यहा पर ऐसे है
जो खुद को शरीफ बताते है
हम उनकी शराफ़त के किस्से
महफ़िल वालो को सुनाते है
ओ ओ आ आ आ ओ ओ आ आ
भरी महफ़िलो मे ये पीते है जाम
भरी महफ़िलो मे ये पीते है जाम
किसी की भी इज़्ज़त, ये कर दे नीलाम
यही है यही है, शरीफो का काम
यही है यही है, शरीफो का काम
भरी महफ़िलो मे ये पीते है जाम
किसी की भी इज़्ज़त, ये कर दे नीलाम
यही है यही है, शरीफो का काम
यही है यही है, शरीफो का काम
भरी महफ़िलो मे ये पीते है जाम
किसी की भी इज़्ज़त, ये कर दे नीलाम
ओ ओ ओ ओ आ आ आ
बेशर्मिया है, हिजाबो के पिछे
बिच्छाए है काँटे, गुलबो के पिछे
बेशर्मिया है, हिजाबो के पिछे
बिच्छाए है काँटे, गुलबो के पिछे
छुपाये है चेहरे, नकाबो के पिछे
छुपाये है चेहरे, नकाबो के पिछे
हंस हंस के लेते
ओ ओ आ आ हंस हंस के लेते है ये इंतकाम
यही है यही है, शरीफो का काम
यही है यही है, शरीफो का काम
भरी महफ़िलो मे ये पीते है जाम
किसी की भी इज़्ज़त, ये कर दे नीलाम
गुल जानता, गुलसिता जानता है
जमी जानती, आसमा जानता है
गुल जानता, गुलसिता जानता है
जमी जानती, आसमा जानता है
हम क्या है, ये सारा जहाँ जानता है
हम क्या है, ये सारा जहाँ जानता है
ये रोज अपना ओ ओ आ आ आ
ये रोज अपना, बदलते है नाम
यही है यही है, शरीफो का काम
यही है यही है, शरीफो का काम
Written by: LALJEE PANDEY, NARESH SHARMALyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Sony/ATV Music Publishing LLC, Royalty Network, Shemaroo Entertainment LimitedLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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