Tab Bhi Tu
अनुपम रॉय, राहत फतेह अली खान
ना आ आ आ
मेरी रूह करेगी फ़रियाद
मेरी सांसें कहीं खो जायेंगी
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
जब राख बनेगा ये सूरज
और धुप धुंआ हो जायेगी
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
सजदे की तरह फिर आँखें झुकी
फिर पलकें नमाज़ी हुई
आ आ आ
तेरे ज़िक्र में थी कुछ ऐसी नमी
सुखी सांसें भी ताज़ी हुई
जब उम्र की आवारा बारिश
सब रंग मेरे धो जायेगी
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
आ आ आ
आ आ आ
ताबीज है मेरी मुठी में
ताबीज में है तस्वीर तेरी
उलझी सी लकीरें हाथ में है
तू सुलझाये तकदीर मेरी
ताबीज है मेरी मुठी में
ताबीज में है तस्वीर तेरी
उलझी सी लकीरें हाथ में है
तू सुलझाये तकदीर मेरी
जब वक़्त करेगा छल मुझसे
तक़दीर खफ़ा हो जाएगी
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
मेरी रूह करेगी फ़रियाद
मेरी सांसें कहीं खो जायेंगी
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
तब भी तू मेरे संग रहेना
आ आ आ
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now