Tumhare Karan Sab Kuch

अनुप जलोटा

तुम्हरे कारण तुम्हरे कारण तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा अब मोहे क्यूँ तरसाओ तुम्हारे कारण तुम्हारे कारण तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा अब मोहे क्यूँ तरसाओ ओ तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा अब मोहे क्यूँ तरसाओ विरह व्यथा लगी उरअंतर विरह व्यथा लगी विरह व्यथा लगी विरह व्यथा लगी विरह व्यथा विरह विथा विरह विथा लगी उरअंतर सो तुम आए बुझाओ सो तुम आए बुझाओ ओ ओ तुम्हारे कारण सब सुख छोड़ा तुम्हारे कारण सब सुख छोड़ा अब मोहे क्यूँ तरसाओ तुम्हरे कारण अब छोड़ट नही बने प्रभुजी अब छोड़ट नही बने प्रभुजी अब छोड़ट नही बने प्रभुजी अब छोड़ट नही बने नही बने नही बने नही बने छोड़ट नही प्रभुजी अब छोड़ट नही बने प्रभुजी हसकर तुरंत बुलावो हसकर तुरंत बुलावो तुम्हरे कारण तुम्हारे कारण सब सुख छोड़ा अब मोहे क्यूँ तरसाओ ओ ओ तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा अब मोहे क्यूँ तरसाओ मीरा दासी जनम जनम की सा रे ग प् ध ध सा ध प् ग प ध सा ग प ध सा सा ग प प ध नी सा ग ग ग प ध सा रे ग रे सा सा रे ध सा ग प ध सा मीरा दासी जनम जनम की मीरा दासी जनम जनम की अंग से अंग लगाओ अंग से अंग लगाओ तुम्हरे कारण तुम्हरे कारण तुम्हरे कारण तुम्हरे कारण तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा अब मोहे क्यूँ तरसाओ तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा अब मोहे क्यूँ तरसाओ अब मोहे क्यूँ तरसाओ अब मोहे क्यूँ तरसाओ

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