Tere Man Mein Ram
अनुप जलोटा
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट
अंतकाल पछतायेगा जब प्राण जायेंगे छूट
तेरे मन में राम तन में राम
तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे
राम सुमीर ले ध्यान लगाले छोड़ जगत के काम रे
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
माया में तू उलझा उलझा धर धर धुल उडाये
अब क्यों करता मन भारी जब माया साथ छुडाए
माया में तू उलझा उलझा धर धर धुल उडाये
अब क्यों करता मन भारी जब माया साथ छुडाए
दिन तो बीता दोड़ धुप में ढल जाए ना शाम रे
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
तेरे मन में राम तन में रामरोम रोम में राम रे
राम सुमीर ले ध्यान लगाले छोड़ जगत के काम रे
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
भजन की अंतिम पंक्तिया हे और
हमारे जीवन का सार इसमें आजाता हे
विशेष ध्यान दे आनंद आएगा
बचपन बीता खेल खेल में भरी जवानी सोया
बचपन बीता खेल खेल में भरी जवानी सोया
भरी जवानी सोया
सा र गा म मा ग मा मा प् ध सा नी माँ प् ध निस ध माँ प् माँ प् माँ प् रे गा सा माँ
बचपन बीता खेल खेल में भरी जवानी सोया
देख बुढापा अब तो सोचे क्या पाया क्या खोया
बचपन बीता खेल खेल में भरी जवानी सोया
देख बुढापा अब तो सोचे क्या पाया क्या खोया
देर नहीं है अब भी बन्दे लेले उस का नाम रे
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे
राम सुमीर ले ध्यान लगाले छोड़ जगत के काम रे
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम आ आ
Written by: ANUP JALOTA, RAAJESH JOHRILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now