Baat Nikalegi To Door Talak

Sukhwinder Singh, Richa Sharma, Shatanu Mukherjee, Anup Jalota

बात निकलेगी तो फिर दूर तलाक़ जाएगी लोग बेवजह उदासी का सबब पुच्ेगे ये भी पुच्ेगे के तुम इतनी परेशा क्यूँ हो उगलिया उठेगी सूखे हुए बालो की तरफ एक नज़र देखेगे गुज़रे हुए सालो की तरफ चूड़ियो पर भी कई ताज़ किए जाएगे काँपते हाथो पे भी फ़िकरे कसे जाएगे लोग ज़ालिम है हर एक बात का ताना देगे बातो बातो मे मेरा ज़िक्र भी ले आएगे बातो बातो मे मेरा ज़िक्र भी ले आएगे उनकी बातो का ज़रा सा भी असर मत लेना वरना चेहरे की तासूर से समझ जाएगे चाहे कुच्छ भी हो सावालात ना करना उनसे चाहे कुच्छ भी हो सावालात ना करना उनसे मेरे बारे मे कोई बात ना करना उनसे बात निकलेगी तो फिर दूर तलाक़ जाएगी

Written by: JAGJIT SINGH, KAFEEL AZAR, SAURABH V BHATTLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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