Jeena Hai Kis Liye
अमिताभ बच्चन
हँसे पेड़ जब तब तो बादल हँसे
हँसे जब नदी तब तो सागर हँसे
होके इंसान भी हम हँसे ना कभी
बस यही सोचकर खुद पे हम हंस लिए
जीना है किस लिए
जीवन है इस लिए
ज़िंदादिली से क्यों न हम जियें
जीना है किस लिए
जीवन है इस लिए
ज़िंदादिली से क्यों न हम जियें
रिश्ते हैं किस लिए
समझते हैं इस लिए
जीना भी वरना और है किस लिए
ये ख़िज़ाँ और वो बहार
दो घडी के हैं खुमार
बदलना ही तो क़ुदरत में
क़ायम का रहा किरदार
ये ख़िज़ाँ और वो बहार
दो घडी के हैं खुमार
बदलना ही तो क़ुदरत में
क़ायम का रहा किरदार
बदलेंगे किस लिए संवरेंगे इस लिए
बदल के हंस दिए तो जी लिए
जीना है किस लिए जीवन है इस लिए
ज़िंदादिली से क्यों न हम जियें
आंसू के जो धारे हैं
ये ग़म के शरारे हैं
जो उनको पोंछ दे बस
वो ही तो तुम्हारे हैं
आंसू के जो धारे हैं
ये ग़म के शरारे हैं
जो उनको पोंछ दे बस
वो ही तो तुम्हारे हैं
आंसू है किस लिए
सर दर्द इस लिए
मुस्कान से आंसू भी धो लिए
जीना है किस लिए
जीवन है इस लिए
ज़िंदादिली से क्यों न हम जियें
रिश्ते हैं किस लिए
समझते हैं इस लिए
जीना भी वरना और है किस लिए
Written by: Chandrashekhar Rajit, Rajesh Roshan, RAJIT, ROSHANLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now