Achche Din
Irshad Kamil, Amit Trivedi
खुदा तुम्हें, परणाम है सादर
पर तूने दी, बस एक ही चादर
क्या ओढ़ें क्या बिछाएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
दो रोटी, और एक लंगोटी
एक लंगोटी, और वो भी छोटी
इसमें क्या बदन छुपाएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मैं खाली खाली था, मैं खाली खाली हूँ
मैं खाली खाली खोया, खोया सा
मैं खाली खाली था, मैं खाली खाली हूँ
मैं खाली खाली खोया, खोया सा
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
हो, गीत नहीं ये मेरा दर्द है, दर्द है
कैसे ये रोज़ाना ही गाता जाऊँ मैं
खाली खाली जेबों में ख्वाब है, ख्वाब है
पूरे जो होते नहीं
वक़्त हुआ, नाख़ून के जैसा
बेदर्दी से, जिसको मैं काटूँ
रोज़ ज़रूरत, और ख्वाहिश के
बीच में खुद को, कैसे मैं बाटूँ
मेरे टुकड़े हो जाएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मैं खाली खाली था, मैं खाली खाली हूँ
मैं खाली खाली खोया, खोया सा
मैं खाली खाली था, मैं खाली खाली हूँ
मैं खाली खाली खोया, खोया सा
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
अच्छे दिन अच्छे दिन ओ ओ
अच्छे दिन अच्छे दिन ओ ओ
अच्छे दिन अच्छे दिन ओ ओ
अच्छे दिन अच्छे दिन ओ ओ
ना जाने ये कब आएँगे
Written by: Amit TrivediLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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