Khamoshi Thi Mach Gaya Shor

Alka Yagnik

खामोशी थी मच गया शोर आया आया मेरे दिल का चोर खामोशी थी मच गया शोर आया आया मेरे दिल का चोर वो तुम नही वो तुम नही वो तो है कोई और वो तुम नही वो तुम नही वो तो है कोई और खामोशी थी मच गया शोर आया आया मेरे दिल का चोर तू रु रु रु तू तू तू रु रु रु तू तू तू रु रु तू तू तू तू रु तू रु रु रु तू तू तू रु रु रु तू तू तू रु रु तू तू तू तू रु मेरा दिल मेरी जान वो मेरी धड़कनो की ज़ुबान मैं भला क्या करू वो सुने ना मेरी दास्तान मेरा दिल मेरी जान वो मेरी धड़कनो की ज़ुबान मैं भला क्या करू वो सुने ना मेरी दास्तान बेरहम बेख़बर है उसे क्या खबर उसपे तो मेरा ना चले जानेमन कोई ज़ोर खामोशी थी मच गया शोर आया आया मेरे दिल का चोर तू तू तू रु तू रु रु तू रु रु तू तू तू रु तू रु रु तू रु रु तू तू तू रु तू रु रु तू रु रु तू तू तू रु तू रु रु तू रु रु मैं यहा वो कहा ढूँढती है उसीको नज़र छोड़े ना बेरूख़ी जानेना मेरा दर्दे जिगर मैं यहा वो कहा ढूँढती है उसीको नज़र छोड़े ना बेरूख़ी जानेना मेरा दर्दे जिगर हुस्न की यह अदा देखे ना दिलरुबा ना जुड़े दिल के अरमानो से चाहत की डोर खामोशी थी मच गया शोर आया आया मेरे दिल का चोर वो तुम नही वो तुम नही वो तो है कोई और वो तुम नही वो तुम नही वो तो है कोई और खामोशी थी मच गया शोर आया आया मेरे दिल का चोर

Written by: ANAND SHRIVASTAV, MILIND SHRIVASTAV, SAMEERLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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