Kaga To Ud Gaya
Alka Yagnik
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
बैठी हूँ मैं कब से घूँघट पट खोल के
बैठी हूँ मैं कब से घूँघट पट खोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
बैठी हूँ मैं कब से घूँघट पट खोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
नस नस में मेरी बिरहा की प्यास है
नस नस में मेरी बिरहा की प्यास है
मन के मयूर को मिलन की आस है
थक गईं नैना तो रस्ता निहार के
हारी मनमीत मैं तो तुझको पुकार के
मेरे अंग अंग में जहर रस घोल के
मेरे अंग अंग में जहर रस घोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
आजा परदेसियां सपनो के गांव में
आजा परदेसियां सपनो के गांव में
तुझको छुपालु मैं पलकों की छांव में
यौवन की नई उठती उमंग से
तन तेरा रंग दू प्रीत के रंग से
तुझ बिन रह गया कवारा मन डोल के
तुझ बिन रह गया कवारा मन डोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
बैठी हूँ मैं कब से घूँघट पट खोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
कागा तो उड़ गया मीठी बोली बोल के
Written by: Nadeem-Shravan, SameerLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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