Baadalon Mein Chup Raha Chand

Alka Yagnik, Kumar Sanu

आहा आहा हम हम हम हम हम हम हे हाहा हाहा बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ अपने ही किसी अदा से पूछ लो बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ अपने ही किसी अदा से पूछ लो मेरी हसरतो पे बेखुदी सी छा गयी तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गयी मेरी हसरतो पे बेखुदी सी छा गयी तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गयी निगाह लड़खड़ा गयी निगाह लड़खड़ा गयी निगाह लड़खड़ा गयी हो रहा हूँ मैं नशे में चूर क्यूँ झूमती हुयी फजा से पूछ लो हो रहा है बे पिए सुरूर क्यों मेरी जुल्फ़ की घटा से पूछ लो बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ अपने हुस्न की जय से पूछ लो चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ अपने ही किसी ऐडा से पूछ लो दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है आज मेरा प्यार कितना खुशनसीब है दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है आज मेरा प्यार कितना खुशनसीब है कितना खुशनसीब है कितना खुशनसीब है कितना खुशनसीब है झूमता है मेरा अंग अंग क्यूँ अपनी रूह की सदा से पूछ लो बज रहे है दिल में जल तरंग क्यूँ गीत छेदती हवा से पूछ लो बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ हम्म अपने हुस्न की जाया से पूछ लो चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ अपने ही किसी ऐडा से पूछ लो

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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