Bahon Ke Darmiyaan

आकृती कक्कर

बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ हा हा हा हा हा हा हा हा हा खुलते बंद होते लबों की ये अनकही हा हा हा हा खुलते बंद होते लबों की ये अनकही मुझसे कह रही हैं के बढ़ने दे बेखुदी मिल यूँ के दौड़ जाएँ नस नस में बिजलियाँ बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ हा हा हा हा हा हा हा आसमां को भी ये हसीं राज है पसंद उलझी उलझी साँसों की आवाज है पसंद मोती लूटा रही है सावन की बदलियाँ बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है जाने क्या (जाने क्या) बोले मन (बोले मन) डोले सुनके बदन (के बदन) धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ

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