Ruaa Ruaa

Shilpa Rao, A.R. Rahman, Gulzar

रुआ रुआ खिलने लगी है ज़मी तेरी ही तो खुश्बू है ना कहीं मंद मंद, नीं बंद, नैनो से कहीं आँके बांके तूने कहीं झाँका तो नहीं सज़ा मिली है प्यार की क़ैदी हूँ बहार की बंदी बनके ही रहूं मर्ज़ी है मेरे यार की रुआ रुआ खिलने लगी है ज़मी तेरी ही तो खुश्बू है ना कहीं मंद मंद, नीं बंद, नैनो से कहीं आँके बांके तूने कहीं झाँका तो नहीं फूलों पे शबनम, हौले से उतरे जुगनू जलाएँ, रोशनी के कतरे जाऊं जो चमन में, पांच्ची पुकारे आजा रे कोयल, आरती उतरे चाँद ढूनडते हैं आस्मा खोल के भूल गये बदल दिन है की रात है आखों में ख्वाब ही ख्वाब भरे हैं नींद नही आती रुआ रुआ खिलने लगी है ज़ामी तेरी ही तो खुश्बू है ना कहीं मंद मंद, नीं बंद, नैनो से कहीं आँके बनके तूने कहीं झाँका तो नहीं सज़ा मिली है प्यार की क़ैदी हूँ बहार की बंदी बनके ही रहूं मर्ज़ी है मेरे यार की सज़ा मिली है प्यार की क़ैदी हूँ बहार की बंदी बनके ही रहूं मर्ज़ी है मेरे यार की

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